Neeraj Agarwal

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लेखनी कहानी -05-Dec-2023

शीर्षक - लव ट्रान्गल
आज हम सभी एक कहानी प्रेम और मोहब्बत की दीवानी रजनी जो की एक धनवान परिवार की बेटी और वह अपने जीवन में सभी चीज को रूपए पैसे से तोलती और रजनी को अपने परिवार के साथ पैसे का बहुत घमंड था। और रजनी जिस कॉलेज में पढ़ती थी उसे कॉलेज में सभी रजनी की खूबसूरती और पैसे के दीवाने थे और रजनी उस पैसे के बल पर रजनी कॉलेज में अपना रौब जमाती थी। रजनी अपने पड़ोस के लड़के राकेश से मन मन में चाहत रखती थी परन्तु राकेश कालेज की लड़की रागिनी से प्रेम करता था। और रजनी को राकेश केवल एक अच्छा दोस्त मानता था। परन्तु रजनी राकेश को अपने जीवन का सच समझती है। रजनी और राकेश का दोनों का रोजाना कॉलेज साथ जाना कॉलेज से लौट के आना रागिनी को पसंद नहीं था फिर भी रागनी राकेश से कुछ नहीं कहती थी और वह उसकी बातों को हंस कर टाल देती थी। कुछ दिनों की बात थी कि कॉलेज में एक नया लड़का राजन भी आता है और वह भी एक गांव से नाता रखता था परंतु राजन पढ़ने में बहुत अच्छा और समझदार था राजन गांव से शहर पढ़ने आता है और पढ़ने के साथ-साथ राजन एक नौकरी भी करता था और वह नौकरी अच्छी कमाई करता था अपने कॉलेज भी अपनी गाड़ी से आता था। और राकेश और रागिनी के साथ रजनी जब कैंटीन में कॉलेज की बैठते हैं तब वहीं राजन भी आता है और मैं दूसरी जगह टेबल पर बैठता है तब कैंटीन का मालिक उसके पास चलकर स्वयं आता और कहता है और राजन कैसे हैं आप और क्या कहेंगे बताइए यह देखकर रागनी राकेश और रजनी को अपने राव पर शर्मिंदगी होने लगती है कल का छोकरा कॉलेज में इतना रुतबा कैसे रहता है राजन कैंटीन की मालिक से कहता है मुझे दो पराठे भेज दो और राजन दो पराठे खाकर वहां से जाने लगता है रजनी उसे आवाज देती है और राजन उसके पास आता है कि हमारे साथ नहीं बैठोगे मैं कहां एक छोटा सा नौकरी करने वाला आपके साथ कैसे बैठ सकता हूं यह सुनकर रजनी और प्रभावित हो जाती है रजनी राजन से दोस्ती हाथ बढ़ाती है परंतु राजन रजनी से कभी और दिन कहकर चला जाता हैं। रजनी को इस बात में अपनी बेइज्जती महसूस होती है और वह मन ही मन निर्णय करती है राजन को पाकर ही मानेंगी। और राजन के जाने के बाद रागिनी राकेश और रजनी अपने घर की ओर निकल जाते हैं। एक दिन रजनी अपने घर से पैदल कॉलेज जाने के लिए निकलती है और उसे रास्ते में कुछ लोग छेड़ते हैं। तब पीछे से राजन अपनी गाड़ी से आ रहा होता है जब राजन रजनी को गुंडों द्वारा छेड़ते हुए देखता है। तब राजन गुंडो से रजनी की रक्षा करता है और गुंडे भाग जाते हैं तब रजनी कहती है मुझे कैंटीन की गलती के लिए क्षमा कर दो। तब राजन रजनी को समझ नहीं पता है और राजन कहता है दोस्ती में कोई माफी नहीं मांगते हैं ईश्वर का गिफ्ट है। उधर रागनी और राकेश अपनी शादी का निमंत्रण रजनी को देते हैं तब रजनी का दिल टूट जाता है क्योंकि रजनी दिल ही दिल राकेश को मोहब्बत करती थी। जब रजनी राकेश और रागिनी की शादी का निमंत्रण देखी है तो वह मन ही मन टूट जाती है और वह अपनी जान देने का फैसला कर लेती है वह घर से निकाल कर नदी में आत्महत्या करने की निकल पड़ती है। रास्ते में राजन उसे बदहवास हालत में जाते भागते हुए देखता है तब वह उसके पीछे पीछे जाता हैं। तब वह रजनी को आत्महत्या करने से बचाता है। और जीवन में हम सभी अपने अपने स्वार्थ रखते हैं परन्तु आत्महत्या एक पाप है राजन रजनी से कहता है। तब रजनी राजन से कहती है की क्या तुम मुझसे दोस्ती करोगे साजन कहता है दोस्तों मेरी तो मजाक करने की आदत थी इसलिए मैं आपको कैंटीन में ऐसे ही मजाक में छोड़ आया था तब रजनी और राजा एक दूसरे के गले लग जाते हैं। तब रजनी राकेश की प्यार को छोड़कर भूल कर राजन अपने जीवन प्यार मान लेती है। और रजनी अपने घमंड और पैसे के मोह को छोड़ देती है। रजनी अब राजन के सपनों में रानी बन जाती है। राजन कहता है रजनी से की मेरा मन तो तुमसे कॉलेज के पहले दिन से ही लग गया था। और राजन कहता है मैं गांव की जमीदार का इकलौता बेटा हूं। राजन और रजनी की धूमधाम से शादी हो जाती है और रजनी राजन के गांव चली जाती है। रजनी और राजन खुशी खुशी जीवन जीने लगते हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

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3 Comments

Khushbu

15-Dec-2023 06:54 PM

V nice

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Madhumita

15-Dec-2023 06:49 PM

Nice

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Gunjan Kamal

06-Dec-2023 04:38 PM

👏👌

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